स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना बिहार सरकार की एक ऐसी पहल है, जो उन छात्रों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो आर्थिक तंगी के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। इस योजना की शुरुआत 2 अक्टूबर 2016 को हुई थी, और इसका मुख्य उद्देश्य 12वीं पास करने वाले मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें।
यह योजना मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना (MNSSBY) का हिस्सा है, जिसके तहत छात्रों को 4 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाता है। यह ऋण सामान्य, तकनीकी और पॉलिटेक्निक जैसे विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

इस योजना की खास बात यह है कि इसमें ब्याज दर बेहद कम, यानी 4% है, और महिलाओं, ट्रांसजेंडरों और दिव्यांगों के लिए यह दर केवल 1% है, जो इसे और भी समावेशी बनाता है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ जरूरी शर्तें हैं। आवेदक को बिहार का निवासी होना चाहिए, उसकी उम्र 25 वर्ष से कम होनी चाहिए, और उसे बिहार सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से 12वीं पास होना चाहिए। साथ ही, उसे किसी मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान में उच्च शिक्षा के लिए नामांकित या चयनित होना चाहिए।
हाल ही में नियमों में बदलाव के तहत, छात्रों को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) से A ग्रेड प्राप्त कॉलेजों में दाखिला लेना जरूरी था, लेकिन 2024-25 सत्र के लिए निजी शिक्षण संस्थानों को NAAC मान्यता से एक साल की छूट दी गई है। इससे लगभग 381 निजी संस्थानों के छात्रों को लाभ मिलेगा।
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आवेदन की प्रक्रिया भी काफी सरल है। छात्रों को आधिकारिक वेबसाइट www.7nishchay-yuvaupmission.bihar.gov.in पर जाकर “New Applicant Registration” के विकल्प पर क्लिक करना होता है। इसके बाद नाम, ईमेल, आधार नंबर और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी भरकर ओटीपी के जरिए रजिस्ट्रेशन पूरा करना होता है।
लॉगिन करने के बाद आवेदन फॉर्म में व्यक्तिगत, शैक्षणिक और वित्तीय जानकारी भरनी होती है, साथ ही 12वीं की मार्कशीट, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो जैसे दस्तावेज अपलोड करने होते हैं। आवेदन जमा करने के बाद एक यूनिक आईडी नंबर मिलता है, जिससे आवेदन की स्थिति ट्रैक की जा सकती है।
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यह योजना न केवल शिक्षा को सुलभ बनाती है, बल्कि छात्रों को आत्मनिर्भर बनने का मौका भी देती है। इसके तहत मिलने वाला ऋण किताबें, लैपटॉप, और पढ़ाई से जुड़े अन्य खर्चों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बिहार सरकार ने इस योजना के जरिए लाखों छात्रों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।